इंसान शरीर और मानसिकता को समझने के 9 मनोवैज्ञानिक तथ्य"

अधिकांश लोग जीवन में बदलाव का विरोध करते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। यह बदलाव के प्रति अनिश्चितता और असुरक्षा की भावना से होता है। 

हमारा दिमाग कई बार पुरानी यादों को वास्तविकता से अलग तरीके से याद करता है। यह यादों में बदलाव, अतिशयोक्ति या छूटने के कारण होता है। 

लोग अक्सर दूसरों के समूह के साथ फिट होने के लिए अपनी राय और आचरण को बदलते हैं, भले ही वह उनकी अपनी राय के खिलाफ हो। 

मनुष्य स्वाभाविक रूप से नकारात्मक घटनाओं और अनुभवों पर अधिक ध्यान देते हैं और उन्हें अधिक महत्व देते हैं, जिससे सकारात्मकता को अनदेखा किया जा सकता है। 

अगर हम किसी बात पर दृढ़ विश्वास रखते हैं, तो हमारा व्यवहार और रवैया उसे सच बनाने की दिशा में काम कर सकता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। 

हमारा दिमाग पिछले अनुभवों और संकेतों से प्रभावित होता है, जिससे हम अनजाने में कुछ विशिष्ट तरीकों से सोचते या प्रतिक्रिया करते हैं। 

जब किसी व्यक्ति के विचार, मान्यताएं, या व्यवहार में टकराव होता है, तो उसे असहजता महसूस होती है, जिसे कॉग्निटिव डिसोनेंस कहा जाता है। 

 लोग अक्सर तात्कालिक संतुष्टि की ओर झुकते हैं, जिससे दीर्घकालिक लाभ के लिए जरूरी धैर्य का अभाव हो सकता है।