Chandra Grahan 2023 : खगोलीय जगत में एक और विचित्र घटना ग्रहण है। हर साल एक चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण होता है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण मई में लगेगा। साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार 5 मई को लगेगा और यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। द्रुक पंचांग के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का पेनुमब्रल परिमाण 0.95 होगा। पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी हिस्से पर पड़ती है। इस दौरान चांदनी मंद होती है। कुछ ग्रहणों को नंगी आंखों से देखा जा सकता है। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह ग्रहण नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकेगा।
भारत में Chandra Grahan की तारीख और समय
2023 का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार 5 मई 2023 को रात 8 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 1 बजे समाप्त होगा। उपच्छाया ग्रहण लगभग 4 घंटे 15 मिनट 34 सेकंड तक रहता है। द्रुक पंचांग ने बताया कि जब तक यह चंद्र ग्रहण नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता, तब तक इसका कोई महत्व नहीं है और किसी भी धार्मिक गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है।
कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
द्रुक पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका से दिखाई देगा। अधिकांश उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस बीच, उपच्छाया ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस और सिंगापुर में दिखाई देगा।
भारत में कहाँ-कहाँ दिखाई देता है ग्रहण?
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण भारत के कुछ लोकप्रिय शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में दिखाई देगा।
कैसे देखें अद्भुत नजारा?
भारत के कुछ हिस्से इस अद्भुत घटना को नहीं देख पाएंगे। चंद्र ग्रहण को धरती से बिना किसी खास उपकरण या टेलिस्कोप के देखा जा सकता है। हालांकि छोटे टेलिस्कोप इस नजारे को और बेहतर बना सकते हैं। ग्रहण के दौरान चंद्रमा को देखना काफी आकर्षक होता है। 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को होगा। यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा जो ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कई क्षेत्रों में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
धार्मिक दृष्टिकोण के अनुसार ग्रहण राहु-केतु के कारण लगता है। इस घटना में दोनों ग्रह सूर्य और चंद्रमा को शापित करते हैं। ग्रहण के प्रभाव से व्यक्ति का हर पक्ष प्रभावित होता है। चंद्रमा मन का कारक है इसलिए चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर पड़ता हैं। खासकर चंद्रमा कुंडली में अगर उसी राशि मे हैं जिस राशि मे उसे ग्रहण लगा है तो व्यक्ति पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है। 5 मई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। इसलिए इस राशि और नक्षत्र वाले लोगों को चंद्र ग्रहण के दौरान ज्यादा सावधान रहना होगा।