Goa : गोवा को अक्सर उसके खूबसूरत समुद्र तटों और पार्टी लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है, लेकिन इस राज्य के गर्भ में अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक हेरीटेज भी समाहित हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण हेरीटेज है तांबड़ी सूरला मंदिर, जो ना केवल अपने स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है।
तांबड़ी सूरला मंदिर के बारे मे
तांबड़ी सूरला मंदिर, यह मंदिर अनमोद घाट के तल पर स्थित है, जो गोवा को कर्नाटक राज्य से जोड़ता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12वीं शताब्दी में कदंब वंश के राजा परमादेवा द्वारा बनवाया गया था। मंदिर का स्थान अपने आप में यूनीक है, क्योंकि यह अनमोद घाट के तल पर स्थित है, जहां घने जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य का मेल है। इस मंदिर का असली नाम ‘महादेव मंदिर’ है, लेकिन यह तांबड़ी सूरला के नाम से प्रसिद्ध है।
मंदिर की आर्किटेक्चर कला
तांबड़ी सूरला मंदिर की आर्किटेक्चर देखने लायक है। यह मंदिर हेमादपंथि शैली ( काले पत्थर और चूने ) से बना हुआ है, जो दक्षिण भारत की आर्किटेक्चर कला का रीप्रेज़न्टैशन करती है। मंदिर को बेसाल्ट पत्थरों से निर्मित किया गया है, जो इसकी मजबूती को दर्शाते हैं। मंदिर का गर्भगृह छोटा है, जिसमें भगवान शिव की एक लिंगम स्थापित है। गर्भगृह के सामने एक मंडप है, जिसे चार पिल्लरों पर बनाया गया है।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर खूबसूरत नंदी की मूर्ति हैं, जो भगवान शिव के वाहन के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव, विष्णु और अन्य देवी-देवताओं के चित्र बनाए हुए हैं, जो अद्भुत कला कौशल का प्रदर्शन करते हैं।
धार्मिक और कल्चरल महत्व
Tambdi surla : तांबड़ी सूरला मंदिर ना केवल आर्किटेक्चर कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह गोवा के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मंदिर एक जीवंत धार्मिक स्थल है, जहां शिवरात्रि के समय विशेष पूजा और उत्सव मनाए जाते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां आते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इसके अलावा, मंदिर के पास का इलाका प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां आने वाले पर्यटक मंदिर की शांति और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के साथ-साथ जंगल के बीच ट्रेकिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
तांबड़ी सूरला मंदिर की रक्षा
इतिहासकारों और आर्कीयोंलजिस्ट का मानना है कि तांबड़ी सूरला मंदिर को काफी हद तक संरक्षित रखा गया है, लेकिन इसके संरक्षण के लिए अभी भी और प्रयासों की आवश्यकता है। यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आता है, जो इसके संरक्षण का काम करता है। स्थानीय लोग और सरकार द्वारा मिलकर इस मंदिर को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
तांबड़ी सूरला मंदिर ना केवल गोवा की धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, बल्कि यह उस समृद्ध इतिहास का प्रतीक भी है जिसे इस क्षेत्र ने सदियों से सुरक्षित कर रखा है। अगर आप गोवा की सैर पर हैं, तो तांबड़ी सूरला मंदिर को अपनी यात्रा में जरूर शामिल करें। यह मंदिर ना केवल आपके आध्यात्मिक अनुभव को समृद्ध करेगा, बल्कि आपको गोवा के इतिहास और कला के एक महत्वपूर्ण पहलू से भी परिचित कराएगा। धन्यवाद।
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