प्रेमानंद महाराज: घर में कॉकरोच, मच्छर आदि मारना पाप है? 9 महत्वपूर्ण बातें
प्रेमानंद महाराज का मानना है कि किसी भी जीव को मारना अहिंसा के सिद्धांत के खिलाफ है। चाहे वह छोटा सा कीड़ा ही क्यों न हो, उसे मारने से हिंसा का जन्म होता है।
हर जीव का जीवन महत्वपूर्ण है। कॉकरोच और मच्छर भी ईश्वर की रचनाएँ हैं और उनके जीवन का सम्मान करना चाहिए।
जीवों को मारने से पर्यावरणीय संतुलन प्रभावित होता है। हर जीव का अपनी भूमिका होती है और उसे मारने से प्राकृतिक चक्र बाधित हो सकता है।
घर में कॉकरोच और मच्छरों को मारने की बजाय, प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल उपाय अपनाने चाहिए। जैसे कि नीम का तेल, लैवेंडर आदि।
महाराज का संदेश है कि हमें धैर्य और सहनशीलता का पालन करना चाहिए। किसी भी जीव को तुरंत मारने की बजाय, उसे हटाने या दूर करने के तरीकों पर विचार करें।
किसी भी जीव को मारने से उसके कर्म का फल भुगतना पड़ सकता है। अहिंसा का पालन करने से सकारात्मक कर्म बनते हैं।
घर की स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गंदगी और कचरे से बचकर, कॉकरोच और मच्छरों के आने की संभावना को कम किया जा सकता है।
महाराज का मानना है कि प्रकृति ने हर जीव को किसी उद्देश्य के लिए बनाया है। उन्हें मारने से प्रकृति की संरचना में हस्तक्षेप होता है।