नाग पंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाना चाहिए या नहीं?

हिंदू धर्म में नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और सुरक्षा बनी रहती है। 

सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, नाग पंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाना पुण्य का कार्य माना जाता है। लोग इस दिन नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए सांपों को दूध चढ़ाते हैं। 

सांप प्राकृतिक रूप से दूध नहीं पीते। उनका आहार मुख्य रूप से मांसाहारी होता है, जिसमें वे छोटे जानवर, चूहे, पक्षी आदि खाते हैं। दूध उनके स्वाभाविक आहार का हिस्सा नहीं है। 

वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो सांपों के शरीर में दूध को पचाने की क्षमता नहीं होती। दूध उनके लिए हानिकारक हो सकता है और इससे उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 

सांपों को दूध पिलाने से वे बीमार हो सकते हैं। दूध उनके पेट में फर्मेंटेशन पैदा कर सकता है, जिससे उन्हें गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं और गंभीर मामलों में उनकी मृत्यु भी हो सकती है। 

नाग पंचमी के दिन कई सांपों को उनके प्राकृतिक आवास से निकालकर उन्हें दूध पिलाने के लिए मंदिरों या अन्य स्थानों पर लाया जाता है, जिससे उनकी जीवनशैली और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 

पिछले कुछ सालों में, वन्यजीव संरक्षण संगठनों और पर्यावरणविदों ने लोगों को सांपों को दूध न पिलाने के लिए जागरूक किया है। उनके अनुसार, यह परंपरा सांपों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसे रोकने की आवश्यकता है। 

सांपों को दूध पिलाने के बजाय, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की प्रतिमा या चित्र की पूजा की जा सकती है। उन्हें दूध, फूल, और अन्य पूजा सामग्रियों से प्रसन्न किया जा सकता है, जिससे सांपों को कोई नुकसान न हो।