दक्षिण दिशा की ओर मुख वाला घर वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि ठीक से बनाया न जाए तो नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है।
लेकिन सही उपाय अपनाकर इन दोषों को दूर किया जा सकता है। यहाँ हम दक्षिण मुखी घर के वास्तु दोष को समाप्त करने के 9 उपाय बता रहे हैं:
– द्वार का सही स्थान: दक्षिण मुखी घर के मुख्य द्वार को दक्षिण-पूर्व (अग्निकोण) में रखने से दोष कम होते हैं।
– सकारात्मक ऊर्जा: यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में मदद करता है।
– आकार: मुख्य द्वार चौड़ा और ऊँचा होना चाहिए।
– रंग: द्वार का रंग हल्का और सुखदायक होना चाहिए, जैसे सफेद, हल्का नीला या हरा।
– तुलसी का पौधा: मुख्य द्वार के पास तुलसी का पौधा रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति और समृद्धि लाता है।
– सकारात्मक प्रभाव: तुलसी सकारात्मक ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
– बंदनवार: मुख्य द्वार पर बंदनवार (तोरण) लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।
– रक्षा कवच: यह एक पारंपरिक सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है।
– धातु की पट्टी: मुख्य द्वार पर तांबे या चांदी की पट्टी लगाना शुभ माना जाता है।
– ऊर्जा संतुलन: यह ऊर्जा को संतुलित करता है और दोषों को कम करता है।
– जल स्रोत: मुख्य द्वार के दोनों ओर पानी का स्रोत जैसे पानी का कटोरा या फव्वारा रखें।
– सकारात्मक प्रभाव: यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।