हबल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope - HST) नासा का एक प्रमुख अंतरिक्ष वेधशाला है जो ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
– लॉन्च: हबल टेलीस्कोप को 24 अप्रैल 1990 को लॉन्च किया गया था।– स्थान: इसे अंतरिक्ष यान डिस्कवरी (STS-31 मिशन) के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था।
– नाम: इसका नाम प्रसिद्ध खगोलशास्त्री एडविन हबल के नाम पर रखा गया है।– योगदान: एडविन हबल ने ब्रह्मांड के विस्तार के सिद्धांत की खोज की थी।
– दर्पण: हबल का मुख्य दर्पण 2.4 मीटर (लगभग 7.9 फीट) चौड़ा है।– लंबाई: यह टेलीस्कोप लगभग 13.3 मीटर (लगभग 43.5 फीट) लंबा है।
– कक्षा: हबल पृथ्वी से लगभग 547 किलोमीटर (340 मील) की ऊँचाई पर कक्षा में स्थित है।– गति: यह हर 97 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है।
– ग्रहों और सितारों का अध्ययन: यह टेलीस्कोप ग्रहों, सितारों, और आकाशगंगाओं का गहन अध्ययन करता है।– ब्रह्मांड का विस्तार: यह ब्रह्मांड के विस्तार, ब्लैक होल, और डार्क मैटर के रहस्यों को उजागर करने में मदद करता है।
– ब्रह्मांड का विस्तार: हबल ने ब्रह्मांड के विस्तार की दर को मापने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।– गहरा आकाश: हबल डीप फील्ड इमेजिंग के माध्यम से ब्रह्मांड के सबसे दूरस्थ और पुरातन आकाशगंगाओं को देखा है।
– प्रारंभिक समस्याएँ: लॉन्च के बाद हबल के मुख्य दर्पण में दोष पाया गया था।– मिशन सुधार: 1993 में स्पेस शटल मिशन ने इस दोष को ठीक करने के लिए हबल में सुधार किया।