World’s Rarest Lizards : छिपकली हर घर में पाई जाने वाली एक आम सी जान है। इसलिए परिवार के कई सदस्य छिपकलियों से डरते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि यही छिपकली आपको करोड़पति बना सकती है। दरअसल, इस छिपकली का नाम ‘गीको’ (Gecko lizard) है जिसे मात्र साधारण छिपकली मानना आपकी सबसे बड़ी भूल होगी। क्योंकि, ये छिपकली इतनी खास है कि मात्र एक गीको छिपकली की कीमत लक्ज़री कार बीएमडब्ल्यू और फरारी के बराबर है। बता दें, इस छिपकली की कीमत इसके साइज के हिसाब से तय की जाती है और आपको ये जानकर बेहद हैरानी होगी कि एक एवरेज छिपकली की कीमत करीब 70-80 लाख रुपए तक होती है। अगर छिपकली का साइज उससे बड़ा रहा तो इसकी कीमत करोड़ रुपये से ऊपर भी जा सकती है।
भारत में इस छिपकली को खरीदना और बेचना गैरकानूनी है
इस छिपकली के इतनी अधिक कीमत पर बिकने का एक कारण है। यानी पूरी दुनिया में यह छिपकली भारत के बिहार और बिहार से सटे नेपाल में ही पाई जाती है। उनकी आबादी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इस कारण से, उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 3 के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इनकी संख्या कम होने के कारण इनका शिकार, बिक्री और खरीद प्रतिबंधित है और पूरी तरह से अवैध है।
इनकी कीमत साइज के हिसाब से होती है
प्रतिबंध के चलते तस्कर इन छिपकलियों को ब्लैक मार्केट में बेच देते हैं और इनकी मोटी कीमत वसूलते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छिपकली की कीमत उनके साइज के हिसाब से होगी। एक आम छिपकली की कीमत रु। 70 से 80 लाख में बिका होगा। छिपकली का साइज बड़ा होगा तो वह एक करोड़ से ज्यादा में बिकेगी।
इस दांत की इतनी मांग क्यों है?
गिक्को छिपकली का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों की दवा बनाने में किया जाता है। इस छिपकली का मांस नपुंसकता, मधुमेह, एड्स और कैंसर जैसे गंभीर और घातक रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। इस छिपकली का इस्तेमाल चीन में कई पारंपरिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इसी तरह के कई कारणों से इस दांत की भारी मांग है।
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