Johnson & Johnson : अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) अपने टैल्कम पाउडर से कैंसर पैदा करने के आरोपी हजारों पीड़ितों को हर्जाने के रूप में 8.9 बिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गई है। यूनाइटेड स्टेट्स सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला के पक्ष में फैसला सुनाया जिसने आरोप लगाया कि वह जॉनसन एंड जॉनसन टैल्क उत्पादों के उपयोग के कारण डिम्बग्रंथि के कैंसर से पीड़ित थी। जॉनसन एंड जॉनसन ने यूएस सुप्रीम कोर्ट के साथ एक समीक्षा याचिका दायर की जिसमें फैसले की समीक्षा या उलटने की मांग की गई। मामला 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। इस मामले में हाई प्रोफाइल वकील दलीलें पेश कर रहे हैं। कुछ असामान्य गठजोड़ों में, पूर्व स्वतंत्र वकील केनेथ स्टार सहित कई लोगों ने जॉनसन एंड जॉनसन पर मुकदमा करने वाली महिला का पक्ष लिया है।
टेलकम पाउडर प्रोडक्ट से जिन लोगों को कैंसर हुआ है उन्हें 73000 करोड रुपए का मुआवजा दिया जाएगा जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) के अनुसार अपनी सहायक कंपनी एलटीएल मैनेजमेंट एलएलसी के जरिए अगले 25 सालों में हजारों आवेदकों को 890 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगी।
जॉनसन बेबी पाउडर पर लगे ये आरोप
सन 1893 से बेबी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने 1984 से बेबी पाउडर (Johnson Baby Powder) बनाने की शुरुआत की। इस पाउडर को परिवार के अनुकूल दिखाया गया, यही नहीं साल 1999 में आंतरिक शिशु उत्पाद प्रभाग की तरफ से भी इसकी मार्केटिंग की गई। पूरी दुनिया में बेचे गए इस बेबी पाउडर की विश्वसनीयता पर तब खतरा मंडराया, जब यह बात सामने आई कि इसमें खतरनाक रासायनिक तत्व है, जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को बढ़ावा देते हैं। साल 2018 में पहली बार जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर (Johnson Baby Powder) के अस्तित्व पर सवाल उठा। यूएस ड्रग कंट्रोल एजेंसी (US Drug Control Agency) की एक जांच में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के एक नमूने में कार्सिनोजेनिक क्राइसोटाइल फाइबर पाए गए। साथ ही इस पाउडर में एक खतरनाक एस्बेस्टस फाइबर पाया गया था। ये फाइबर कैंसर बीमारी फैलाता है।
35000 महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के पाउडर पर गर्भाशय कैंसर फैलाने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद अमेरिकी कोर्ट ने कंपनी पर बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कंपनी पर 15000 करोड रुपए का जुर्माना ठोका। कंपनी पर लगे इस इल्जाम के बाद अमेरिका में इसकी बिक्री दर तेजी से नीचे गिरने लगी। आखिरकार साल 2020 में लगातार गिरते बिक्री दर को देखते हुए कंपनी में अमेरिका और कनाडा में इसकी बिक्री ही बंद कर दी। इसके बाद कंपनी के शेयरधारकों ने ब्रिटेन में जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया। बाद में अमेरिकी मूल के कई देशों में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
Johnson & Johnson पीड़ितों को 8.9 अरब डॉलर का भुगतान करने के लिए तैयार है
मामले की शुरुआत में मिसौरी राज्य की अदालत में कोशिश की गई थी। मिसौरी की एक अदालत ने कंपनी को डिम्बग्रंथि के कैंसर से पीड़ित 22 महिलाओं को हर्जाने के रूप में $74.7 बिलियन का भुगतान करने का आदेश दिया। कंपनी ने दलील दी थी कि ट्रायल निष्पक्ष नहीं था और फैसला निष्पक्ष नहीं था।
भले ही कंपनी इस टैल्क के इस्तेमाल के खतरों से वाकिफ है, लेकिन कंपनी इन उत्पादों को बेच रही है। बर्लिसन ने अपने फैसले में लिखा है कि दशकों से इन उत्पादों की सुरक्षा को गलत तरीके से पेश किया गया है। फर्म ने कभी भी गलत काम स्वीकार नहीं किया है लेकिन मई 2020 में उसने संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में अपना टैल्क-आधारित बेबी पाउडर बेचना बंद कर दिया। उसने अब घोषणा की है कि वह पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 8.9 अरब डॉलर का भुगतान करेगा।
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