हिन्दू धर्म में घर के आंगन या मुख्य द्वार पर रंगोली (Rangoli) बनाना बेहद शुभ माना जाता है। रंगोली एक विशेष प्रकार की कलाकृति है जो विभिन्न रंगों तथा आकृतियों में बनाई जा सकती है। बच्चों से लेकर बड़े तक बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। आमतौर पर रंगोली में स्वास्तिक, कमल का फूल या फिर देवी-देवता की छवि बनाई जाती है, लेकिन कुछ लोग इस कलाकृति के साथ अलग-अलग तरह के प्रयोग करते रहते हैं। आजकल किसी भी खास मौके पर सोसाइटी, स्कूल, ऑफिस आदि में रंगोली प्रतियोगिताएं होती हैं।
भारतीय मां-बेटी की रंगोली का कमाल
सिंगापुर में एक भारतीय मां और बेटी की टीम ने 26,000 आइसक्रीम स्टिक्स (26,000 icecream sticks) का इस्तेमाल कर रंगोली बनाई है। इस रंगोली में तमिल विद्वानों और कवियों की तस्वीर बनाई गई है। इस कारनामे के लिए उनका नाम सिंगापुर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। सुधा रवि (Sudha ravi) ने अपनी बेटी रक्षिता के साथ पिछले हफ्ते लिटिल इंडिया पड़ोस में चल रहे पोंगल समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान रंगोली प्रस्तुत की.
वहीं इतना ही नहीं इससे पहले भी मां-बेटे ने काफी रिकॉर्ड बना रखे है। 2016 में यहां 3,200 वर्ग फुट की रंगोली बनाकर सुधारवी ने रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। बता दें कि 2016 में सुधारवी की बेटी रक्षिता ने लिटिल इंडिया परिसर में चल रहे पोंगल उत्सव में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया और शानदार रंगोली बनाई थी।
साउंडारा नायकी वैरावन ने भी सोशल मीडिया पर इवेंट की कुछ तस्वीरें साझा कीं. पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “नवंबर 2018 में कलामंजरी की शुरुआत बहुत ही कम थी, जब इसे शुरू किया गया था. अब चार साल की अविश्वसनीय यात्रा के बाद, इसे ‘सिंगापुर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में जगह मिली है.” लिशा को उनके पोंगल कैलेंडर 2023 में शामिल करने के लिए धन्यवाद. यह रिकॉर्ड मुख्य रूप से सुधा और रक्षिता के अथक प्रयासों के कारण है. साथ ही, हमेशा मेरे साथ खड़े रहने के लिए कलामंजरी टीम का भी धन्यवाद.”
तमिल संस्कृति को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने वाली रंगोली विशेषज्ञ रवि आमतौर पर चावल के आटे, चॉक और चॉपस्टिक का उपयोग करके रंगोली बनाती हैं, लेकिन इस बार उन्होंने आइसक्रीम स्टिक पर ऐक्रेलिक पेंट का इस्तेमाल किया. वह सिंगापुर में सामुदायिक केंद्रों में रंगोली बनाने के लिए भी प्रसिद्ध हैं, जिसने गैर-भारतीयों को भी आकर्षित किया है.
तमिल भाषा और संस्कृति के दिग्गज वैरावन ने कहा, ‘सुधा और उनकी बेटी सिंगापुर में तमिल सांस्कृतिक गतिविधियों का हिस्सा हैं और यह एक आश्वासन है कि युवा पीढ़ी हमारी परंपराओं को आगे बढ़ाएगी’ रजनी असोकन, जो खाद्य और पेय व्यवसाय चलाती हैं, रंगोली से प्रभावित थीं. उन्होंने कहा कि यह इस आयोजन का एक उत्कृष्ट आकर्षण था और इससे उन्हें भारतीय संस्कृति पर और भी गर्व हुआ.