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Mahashivratri 2024: भगवान शिव ने परशुराम और रावण से पहले इन्हें दिया था ज्ञान, जानिए कौन थे भोलेनाथ के मूल शिष्य

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Published On: February 23, 2024

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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो हर साल भारत और विश्व भर में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन शिव भक्तों द्वारा उनकी पूजा, व्रत, और ध्यान किए जाते हैं।

इस साल, Mahashivratri 2024, 24 फरवरी को मनाया जाएगा। यह पवित्र रात्रि भगवान शिव के अत्यधिक आराध्य रूपों में से एक परावर्तन के संदर्भ में विशेष महत्व रखती है।

भोलेनाथ के मूल शिष्य

भगवान शिव के अत्यंत विशिष्ट शिष्यों में एक नाम था, जिन्हें भोलेनाथ के मूल शिष्य कहा जाता है। उनका नाम था आदियोगी नंदी। भगवान शिव के सबसे प्रिय और विश्वासी भक्तों में से एक नंदी थे।

नंदी का जन्म

आदियोगी नंदी का जन्म भोलेनाथ के अनुकरण में हुआ था। वे भगवान शिव के वाहन (वाहन) के रूप में प्रसिद्ध हैं। नंदी का नाम अनिरुद्ध और नंदी था, जिसका अर्थ है ‘अनंत आनंद’।

नंदी के गुण

नंदी को अत्यधिक ज्ञानी और विश्वसनीय माना जाता है। उन्होंने भगवान शिव की अत्यंत भक्ति की और हमेशा उनके साथ रहे। उनके प्रेम और विश्वास की प्रतीक्षा में, भोलेनाथ ने उन्हें अपने मूल शिष्य बनाया और उन्हें अत्यंत गहरी ज्ञान की शिक्षा दी।

नंदी के योगदान

नंदी के योगदान का अनंत है। उन्होंने अपने निष्ठापूर्ण भक्तिभाव और विश्वास के साथ भगवान शिव की सेवा की और लोगों को उनके भक्ति की शिक्षा दी। उनके नाम पर अनेक मंदिर और श्राइन समर्पित हैं, जो उनकी पूजा के लिए स्थापित किए गए हैं।

इस Mahashivratri 2024 पर, हम सभी भगवान शिव के विश्वासी और शिष्यों के भक्ति में समर्पित हैं। इस शिवरात्रि पर, हम सभी भगवान शिव के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

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