Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति को अभी तक की सर्वश्रेष्ठ तथा सबसे अधिक दार्शनिकता एवं सत्यता बताने वाली रचना मानी जाती है और इसका सबसे बड़ा कारण इसमें जिंदगी के हर पहलू से जुड़ी बात को और उनके गुठ रहस्यों को प्रकाशित किया गया है । इस पुस्तक की विशेषता हमें अच्छी बातें अपनाने को कहती है और साथ ही हमें सचेत भी करती है की किन किन बातों या क्रियाकलापों से हमें नुकसान पहुँच सकता है और किन किन बातों से सावधानियाँ रखनी है।
इस पुस्तक में दी हुई शिक्षा को हमें ध्यान में रखना चाहिए और साथ ही बतायी हुई वर्जित चीज़ों को जल्द से जल्द ही छोड़ देना चाहिए अन्यथा अंत में हम जिंदगी में गलत रास्ते पर चले जाएँगे और सिर्फ़ पछतावा ही एक मात्र विकल्प बचेगा । ऐसी ही कुछ गुठ बातों को समझते है कि आख़िर चाणक्य (Chanakya) ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में किन चीजों से दूर रहने को कहा है।
૩ बातों में रखिए बहुत ही सावधानी
चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कुछ विशेष चीजों, लोगों और परिस्थितियों से तत्क्षण अर्थात् तुरंत ही दूर होने की सलाह दी है –
- दयाहीन धर्म: अर्थात् ऐसा धर्म जिसमें दूसरों की मदद करना ना सिखाया जाए, दूसरों की भलाई अर्थात् परोपकार की भावना ना सिखाई जाए उस धर्म को जल्द से जल्द छोड़ देना चाहिए। सच्चा धर्म वही माना जाता है जो भक्ति से पहले इंसानियत का पाठ पढ़ाए ।
- विद्याहीन गुरु: अर्थात् ऐसे गुरु जिसमें स्वयं ज्ञान का अभाव हो, जिसे वेद, ग्रंथों या पुराणों की समझ ना हो ऐसे गुरु को जल्द से जल्द त्याग देंना ही बुद्धिमता है क्योंकि वह गुरु कभी भी आपको अपने कर्तव्यों का ज्ञान नहीं करवाएंगे और आगे चलकर मात्र गलत राह पर ले जाएँगे।
- स्वार्थी संबंधी: मतलबी संसार का दूसरा नाम है, अगर आपके रिश्तेदार मात्र स्वार्थ के लिए आपसे प्रेमपूर्वक बात करते है या सम्बंध रखते है तो उनसे अतिशीघ्र दूरी बना लेना ही उचित है क्योंकि उनके लिए आप संबंधी नहीं बल्कि काम निकलवाने का साधन है, मतलब पूरा करने का एक ज़रिया ।
डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और चाणक्य की पुस्तक चाणक्य नीति की जानकारियों पर आधारित है. स्लाइड बंच इसकी पुष्टि नहीं करता है ।