भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को दुबई में होने वाले एशिया कप T20 क्रिकेट मैच को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। यह याचिका कानून के चार छात्रों के नेतृत्व में उर्वशी जैन द्वारा दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन राष्ट्रीय गरिमा और जनभावनाओं के विपरीत संदेश देगा।
याचिका में यह भी कहा गया है कि क्रिकेट को राष्ट्रीय हितों, नागरिकों की जान या सशस्त्र बलों के बलिदानों के ऊपर नहीं रखा जा सकता। याचिकाकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि यह मैच सैनिकों और शहीदों के परिवारों की भावनाओं का अपमान करेगा। इसके साथ ही, याचिका में राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 को तत्काल लागू करने की मांग की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

याचिका में उठाए गए मुद्दे
याचिका में कहा गया है, “देशों के बीच क्रिकेट सद्भाव और मित्रता दिखाने के लिए होता है। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जब हमारे लोग मारे गए और हमारे सैनिकों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, तो पाकिस्तान के साथ खेलने से विपरीत संदेश जाएगा।” याचिकाकर्ताओं का मानना है कि यह मैच उन परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथों अपने प्रियजनों को खोया है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्र की गरिमा और नागरिकों की सुरक्षा मनोरंजन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह मैच राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की गरिमा को प्रभावित करेगा। याचिकाकर्ताओं का मानना है कि मनोरंजन को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए, खासकर तब जब देश में ऐसे संवेदनशील मुद्दे चल रहे हों। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह मैच शहीदों के परिवारों के लिए एक अपमानजनक स्थिति उत्पन्न करेगा।
याचिकाकर्ताओं ने कहा, “हमारे सैनिक अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं, और ऐसे में हम उसी देश के साथ खेल का जश्न मनाना उचित नहीं है जो आतंकवादियों को पनाह देता है।” इसके चलते, याचिकाकर्ताओं ने इस मैच को रद्द करने की मांग की है।
भविष्य के लिए दिशा-निर्देश
याचिका में यह भी मांग की गई है कि राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025 को लागू किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। याचिकाकर्ताओं का मानना है कि इस तरह के नियमों के लागू होने से खेलों में राष्ट्रीय भावना और सुरक्षा को ध्यान में रखा जा सकेगा।
यह याचिका भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है, जिसमें राष्ट्रीय गरिमा और खेल भावना के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।