—Advertisement—

[adinserter block="2"]

कोलकाता में Adenovirus छोटे बच्चों को शिकार बना रहा है, जानें क्या है इसके लक्षण

Author Picture
Published On: February 24, 2023
Adenovirus

—Advertisement—

[adinserter block="2"]

Adenovirus : कोरोना महामारी के बाद अब एडिनोवायरस (Adenovirus) ने नई गंभीर चिंता पैदा कर रहा है। पश्चिम बंगाल में बच्चों में एडेनोवायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दो महीने से इस वायरस से संक्रमित होकर 11 शिशुओं की मौत हो चुकी है। राजधानी कोलकाता (Kolkata) सहित बंगाल के कई जिलों में एडिनोवायरस का कहर बरप रहा है। इस वायरस कोलकाता में छोटे बच्चों में श्वसन से जुड़ा संक्रमण पैदा कर रहा है, अभी तक 5 साल से कम उम्र के कई बच्चों को संक्रमित कर दिया है। अमेरिका के CDC के मुताबिक, एडेनोवायरस इन्फेक्शन एक हल्के फ्लू की तरह का है, जो खासतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है। एडेनोवायरस एक जानलेवा इन्फेक्शन है, जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह आमतौर पर हाथ मिलाने या फिर छूने जैसे शारीरिक संपर्क में आने से फैलता है। साथ ही अगर व्यक्ति किसी संक्रमित रोगी की खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आ जाए, तो भी वह संक्रमित हो सकता है। जिसका मतलब यह भी हुआ कि यह वायरस हवा में फैल सकता है।

क्या हैं Adenovirus

यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार एडेनोवायरस ऐसा वायरस हैं जो आमतौर पर सांस की बीमारी, हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनते हैं. एडेनोवायरस के कारण में इन्फ्लूएंजा, पैरेन्फ्लुएंजा, राइनोवायरस और न्यूमोकोकी शामिल हैं। एडेनोवायरस आमतौर पर मध्यम आकार के और अविकसित वायरस होते हैं, जिनमें कई तरह के संक्रमण पैदा करने की क्षमता होती है, जो ज्यादातर सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस वक्त 50 से ज्यादा प्रकार के एडेनोवायरस इस वक्त मौजूद हैं। यह सभी मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं। आमतौर पर सर्दी के मौसम में यह वायरस ज्यादा सक्रीय होता है। डॉक्टर्स के अनुसार, एडेनोवायरस काफी खतरनाक होता है, जो फेफड़ों और श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। यह 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, खासतौर पर सर्दी, वसंत और गर्मियों की शुरुआत के मौसम में। यह वायरस शरीर के पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं।

एडेनोवायरस का लक्षण (Symptoms)

बदलते मौसम में लोगों को बीमारियों का खतरा भी रहता है। इस वायरस को फैलने से बचाने के लिए, जरूरी है कि हम इससे जुड़े संकेतों और लक्षणों को समझें। एडेनोवायरस शरीर के पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र पर अटैक करता है। इसका मतलब यह है कि इससे संक्रमित होने पर कई तरह के संकेत नजर आते हैं। नाक बहना, सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें, सीने में दर्द, गले में खराश, बुखार के साथ कंपकपी, लगातार खांसी होना, मतली, पेट फूलना, ब्रॉन्काइटिस, निमोनिया, आंखों का इंफेक्शन (आंखों का लाल होना) इसके वायरस के कारण छोटे बच्चे, पुरानी सांस की बीमारी और अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोगों को ज्यादा खतरा है। एडेनोवायरस इन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जो साइनसाइटिस,निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस (सांस की नली में सूजन), जठरांत्र संबंधी समस्याएं, दस्त, केराटाइटिस या फिर कंजक्टिवाइटिस बीमारियों से पहले से ग्रस्त हैं।

ज़रूर पढ़ें : World’s First recycled Sunglasses : चिप्स के पैकेट से भारत में बना दुनिया का पहला Sunglasses

एडेनोवायरस से कैसे बचें

  • यह वायरस आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ही संक्रमित करता है, इसलिए जरूरी है कि मां-बाप अपने बच्चों के बचाव के लिए सभी तरीकों को आजमाएं।
  • अपने बच्चों को खांसने से जुड़ा सही तरीका सिखाएं। ताकि वह खांसी आने पर मुंह पर हाथ रखें या किसी के मुंह पर न खांस दें।
  • अगर आपका बच्चा बीमार है, तो उसे दूसरे बच्चों से मिलने न दें।
  • बच्चा अगर बीमार है, तो उसके कपड़े, तौलिया आदि को अलग रखें।
  • बच्चों को हाथ धोने का सही तरीका सिखाएं।
  • उनके लिए अच्छी क्वालिटी का N94 फेस मास्क खरीदें।
Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp