Reusable Water Bottles : बीमारियों के फैलने की सबसे बड़ी वजह गंदगी और संक्रमण बताई जाती है। गर्मी की शुरुआत होते ही मार्केट में अलग-अलग रंग और डिजाइन की एक से बढ़कर एक बोतलें देखने काे मिलती हैं। इस बोतल को कई लोग सप्ताह में एक बार तो कुछ सप्ताह में दो या तीन बार धोते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन बोतल में रखा पानी धीमा जहर है जो धीरे- धीरे हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि पानी के रीयूजेबल बोतल (Reusable Water Bottles) में टॉइलट शीट से 40 हजार गुना ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इसमें कहा गया है कि किचन के सिंक से भी ज्यादा पानी का बोतल गंदा होता है। जो मानव शरीर के लिए काफी खतरनाक हैं। अमेरिका स्थित waterfilterguru.com के शोधकर्ताओं की एक टीम ने टोंटी, ढक्कन सहित पानी की बोतलों के विभिन्न हिस्सों की जब जांच की तो पाया कि इनपर अधिक मात्रा में बैक्टीरिया मौजूद हैं। HuffPost की रिपोर्ट के मुताबिक इसपर ग्राम निगेटिव रॉड्स और बैसिलस पाए गए।
Reusable Water Bottles में होते हैं जानलेवा बैक्टीरिया
अमेरिका स्थित वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम (waterfilterguru.com) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पानी की बोतल के विभिन्न हिस्सों जैसे स्क्वीज-टॉप बोतल, स्क्रू-टॉप बोतल और स्ट्रॉ लिड बोतल में से प्रत्येक का तीन-तीन बार स्वैब परीक्षण किया। जिस दौरान बोतल पर दो प्रकार के बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई। इनमें ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया और बैसिलस बैक्टीरिया शामिल हैं। बताया जाता है कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया तरह-तरह के इन्फेक्शन्स पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जबकि बेसिलस बैक्टीरिया गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स पैदा कर सकते हैं। अपने अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने समझाया कि ग्राम-नकारात्मक जीवाणु संक्रमण पैदा कर सकते हैं जो एंटीबायोटिक दवाओं के लिए अधिक प्रतिरोधी हैं, कुछ प्रकार के बेसिलस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं पैदा कर सकते हैं। उन्होंने बोतलों की सफाई की तुलना घरेलू सामानों से करते हुए कहा कि उनमें किचन सिंक से दो गुना ज्यादा कीटाणु होते हैं, कंप्यूटर माउस से चार गुना ज्यादा बैक्टीरिया और पालतू जानवरों के पीने के कटोरे से 14 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, इम्पीरियल कॉलेज लंदन में मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ एंड्रयू एडवर्ड्स ने कहा, “मानव का मुंह बड़ी तादाद में जीवाणुओं की विभिन्न श्रेणियों का घर है… इसलिए कतई हैरानी की बात नहीं कि पीने के बर्तन माइक्रोब्स से ढके रहते हैं…”
भले ही पानी की बोतलें बड़ी तादाद में बैक्टीरिया पैदा कर सकती हैं, यूनिवर्सिटी ऑफ़ रीडिंग के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ साइमन क्लार्क के मुताबिक, यह ज़रूरी नहीं है कि बोतलें खतरनाक साबित हों। उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी शख्स के पानी की बोतल से बीमार होने के बारे में नहीं सुना… इसी तरह, नल भी साफतौर पर कोई समस्या नहीं हैं… आपने आखिरी बार किसी नल से एक गिलास पानी लेने से किसी के बीमार होने के बारे में कब सुना था…? पानी की बोतलें उस बैक्टीरिया से दूषित हो सकती हैं, जो पहले से लोगों के मुंह में मौजूद हैं…”
टाइट ढक्कन वाली बोतल होती है साफ
इसके अलावा, अध्ययन से यह भी पता चला है कि जिन तरह की बोतलों का परीक्षण किया गया, उनमें दबाकर बंद होने वाले ढक्कन वाली बोतलें सबसे साफ होती हैं, और उनमें स्क्रू-नुमा ढक्कन या स्ट्रॉ-फिटेड ढक्कन वाली बोतलों की तुलना में सिर्फ 10वां हिस्सा बैक्टीरिया होते हैं। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाली बोतलों को हर रोज़ कम से कम एक बार गर्म पानी और साबुन से धोया जाना चाहिए, और हर हफ्ते कम से कम एक बा उसे सैनिटाइज़ किया जाना चाहिए।
गर्म पानी से धोएं बोतल
क्लार्क ने कहा कि मैंने आजतक कभी किसी को भी पानी की बोतल की वजह से बीमार पड़ते हुए नहीं देखा। यहां तक कि नल से पानी पीने से भी किसी को बीमार पड़ते हुए नहीं पाया। क्लार्क ने कहा कि पानी की बोतलें लोगों के मुंह में पहले से मौजूद बैक्टीरिया की वजह से दूषित होती हैं। रिसर्चर्स ने बोतलों (Reusable Water Bottles) को दोबारा यूज करने से पहले एक दिन में कम से कम एक बार साबुन और गर्म पानी से धोने की सलाह दी है।
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