Zealandia : इस दुनिया में कितने अजूबे छिपे हुए हैं। यह आश्चर्य बाहर की दुनिया के लिए प्रकट होता है क्योंकि एक के बाद एक खोज और शोध होते हैं। आपने दुनिया के सात महाद्वीपों के बारे में पढ़ा व सुना होगा। वहीं, आठवें महाद्वीप Zealandia का अस्तित्व अक्सर वैज्ञानियों के शोध का विषय हुआ करता था। अब, लगभग 375 वर्षों की खोज और शोध के बाद, वैज्ञानिकों (Scientist) ने आखिरकार चौंकाने वाली खोज की घोषणा की है कि लापता महाद्वीप जिसे माओरी भाषा में ज़ीलैंडिया या ते रिउ-ए-मौई के रूप में जाना जाता है, मौजूद है। महाद्वीप का 94% से अधिक भूमि क्षेत्र लगभग 1.89 मिलियन वर्ग मील है, जो कभी प्राचीन सुपरकॉन्टिनेंट गोंडवाना का हिस्सा था, जिसमें 500 मिलियन वर्ष पहले पश्चिम अंटार्कटिका और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया शामिल थे।
Zealandia : पूरा का पूरा महाद्वीप गायब हो गया
दुनिया के कुछ पुराने महाद्वीपों में शुमार पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी अंटार्कटिका आज भी मौजूद हैं। ज़ीलैंडिया करोड़ों साल पहले था तो, लेकिन धीरे-धीरे पानी में डूबता चला गया। ये महाद्वीप 49 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था। जियोलॉजिस्ट अब भी इस बात की खोज में लगे हुए हैं कि क्योकि ये महाद्वीप डूब गया। इसका 94 फीसदी हिस्सा पानी के अंदर डूबा हुआ है। डच बिजनेसमैन और सेलर अबेल तस्मान ने इस महाद्वीप का कुछ हिस्सा पहले भी देखा था, जिसके बाद इसकी तलाश तेज़ हो गई थी। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का मानना है कि महाद्वीप पहले रहा होगा और फिर गायब हो गया था। अब इसे ज़ीलैंडिया (“Zealandia”) का नाम दिया गया है, लेकिन इसका नाम Riu-a-Māui था। वक्त के साथ-साथ ये डूबता चला गया और धीरे-धीरे लोगों की आंखों से लापता होकर पानी में समा गया।
Zealandia महाद्वीप का अस्तित्व पहली बार 1642 में सामने आया था, जब एक डच बिजनेसमैन और नाविक एबल टैसमैन Great Southern Continent की खोज में निकले थे। हालांकि, वह न्यूजीलैंड के दक्षिणी आईलैंड पर पहुंच गए। वहां पहुंचने पर स्थानीय निवासी ने उन्हें आसपास की जगहों के बारे में जानकारी दी। साथ ही पूर्वी दिशा की ओर Zealandia के अस्तित्तव को लेकर भी बताया। हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह बात मानने में करीब 400 साल लगा दिए।
105 मिलियन वर्ष पहले Gondwana Land से हुआ था अलग
Zealandia करीब 105 मिलियन वर्ष पहले सुपर महाद्वीप गोंडवाना लैंड का हिस्सा हुआ करता था, जिसमें पिछले 500 मिलियन वर्ष से पश्चिमी अंटार्कटिका और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया हिस्सा हैं। हालांकि, बाद में यह गोंडवाना लैंड से अलग हुआ और समुद्र की लहरों की बीच सागर में समा गया। शोधार्थी आज भी इसके अलग होने के विषय को लेकर शोध कर रहे हैं।
ज़ीलैंडिया को आठवें महाद्वीप के रूप में मान्यता प्राप्त है
ज़ीलैंडिया को अब दुनिया में आठवें महाद्वीप के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसकी अनूठी विशेषताओं ने इसे ग्रह पर अन्य महाद्वीपों से अलग कर दिया है। भूविज्ञानी निक मोर्टिमर, जिन्होंने अध्ययन का नेतृत्व किया ने कहा कि जबकि हर दूसरा महाद्वीप कई देशों का घर है, ज़ीलैंडिया में केवल तीन हैं। इसके पानी के नीचे स्थित होने के बावजूद, ज़ीलैंडिया एक महत्वपूर्ण खोज है जो पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास और ग्रह को आकार देने वाले कारकों पर प्रकाश डालती है जैसा कि हम आज जानते हैं।
विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप
हालांकि दुनिया के विश्वकोषों, मानचित्रों और खोज इंजनों ने कुछ समय के लिए दावा किया है कि केवल सात महाद्वीप हैं, इस टीम की खोज ने दुनिया को आश्वस्त किया है कि उनके दावे गलत साबित हुए हैं।
एक नए महाद्वीप ने सात महाद्वीपों के दावे को तोड़ दिया, जिससे ज़ीलैंडिया दुनिया का सबसे युवा महाद्वीप बन गया।
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