मुंबई, 29 अप्रैल: पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। नतीजतन, कई कंपनियों ने अपनी बाइक वापस बुला ली है। आग लगने से इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री प्रभावित होने की संभावना है। इन घटनाओं ने कई उपभोक्ताओं को भ्रमित कर दिया है कि कार खरीदी जाए या नहीं। कई ईवी निर्माताओं से स्कूटर की बैटरी में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसमें Ola, Okinawa, EVOLS समेत कई स्टार्टअप शामिल हैं। अब सवाल यह है कि क्या हुआ जब इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ीं। आइए जानें एक्सपर्ट्स से।
प्लास्टिक कैबिनेट पिघलाएं
ईवी में उपयोग की जाने वाली सभी बैटरियां प्लास्टिक कैबिनेट के साथ आती हैं। ऐसे में प्लास्टिक गर्म करने पर पिघल जाता है। साथ ही इससे जुड़े सर्किट पिघलने लगते हैं। इससे आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है। भले ही बैटरी पूरी तरह से पैक हो, लेकिन यह गर्मी छोड़ती है। जब बैटरी गर्म होती है तो यह गर्मी तेजी से बढ़ने लगती है।
कम गर्मी सिंक:
अधिकांश बैटरी लिथियम आयन आधारित हैं। लिथियम आयन अधिक ऊष्मा उत्सर्जित करते हैं। इस मामले में, खोल कवर मजबूत होना चाहिए। इसके लिए हीट सिंक के उपयोग की आवश्यकता होती है। हालाँकि, वर्तमान में बैटरी ऑपरेटर उनका उपयोग नहीं करते हैं। इसका मुख्य कारण स्वैपेबल बैटरी है। इन बैटरियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है। ऐसे में अगर बैटरी में हीट सिंक बढ़ जाए तो उसका वजन भी बढ़ जाता है। नतीजतन, उठाने में कुछ कठिनाई हो सकती है। इसलिए इसे जानबूझकर हल्का रखा जाता है।
विद्युत प्रवाह के कारण शॉर्ट सर्किट:
चार्जिंग स्टेशन के दौरान कार में आग लगने का सबसे आम कारण शॉर्ट सर्किट है। यह करंट इतना भारी होता है कि अगर बैटरी के जोड़ टाइट न हों तो शॉर्ट सर्किट होने की आशंका रहती है। दोपहिया वाहन में 7kw तक का चार्जर इस्तेमाल होता है। यह घर में इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनर से करीब 5 से 7 गुना ज्यादा है। इसलिए कई बार इतना पावरफुल चार्जर बैटरी में शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकता है। आपके तकनीशियन अभी इतने करंट को संभालने के लिए तैयार नहीं हैं।
तापमान द्वारा बैटरी हीटिंग:
देश में इस समय तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इससे वाहनों में आग भी लगती है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में सीट के नीचे बैटरी का इस्तेमाल होता है। ऐसे में जब कार को धूप में पार्क किया जाता है तो उसके शरीर का तापमान 70 डिग्री या इससे ज्यादा हो जाता है। सीट का निचला हिस्सा एयरटाइट है, इसलिए तापमान समान है। जब हम कोई कार स्टार्ट करते हैं, तो उसे आगे बढ़ने के लिए अधिक मोटर शक्ति की आवश्यकता होती है। ऐसे में तापमान और भी बढ़ जाता है। इस कारण कार में लगी गर्मी बैटरी को प्रज्वलित करती है।
चीन माल:
अधिकांश बैटरी निर्माता चीनी और ताइवानी हैं। ऐसे में बैटरी का वजन और लागत कम होने के कारण हीट सिंक का उपयोग नहीं किया जाता है। बैटरी की कूलिंग अभी ठीक नहीं हुई है। इस लापरवाही से वाहन की बैटरी में आग लग गई। दूसरी ओर, अधिक kWh बैटरी वाली कारों में हीट सिंक और कूलेंट का भी उपयोग किया जाता है। इससे कार की बैटरी काफी ठंडी रहती है।