Tulsi : सनातन धर्म में तुलसी पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। लसी के पौधे को तुलसी माता कहकर भी पुकारा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा होने से वास्तु दोष नकारात्मक ऊर्जा से निजात मिल जाती है और तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता तुलसी अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेती है, इसलिए हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के गमले में रंगोली बनाने के साथ-साथ कुछ खास चिन्ह बनाना चाहिए।
तुलसी (Tulsi) के गमले में बनाएं ये चिन्ह
ऐसा तुलसी के गमले में कुछ खास चिन्ह बनाने से मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहती हैं और घर में खुशियां ही खुशियां आती हैं।
ऊं
तुलसी के गमले में ‘ऊँ’ चिन्ह बनाना से घर में शुभ होगा। ‘ऊँ’ शब्द को ईश्वर का वाचक कहा जाता है। इसलिए तुलसी के गमले में इस चिन्ह बनाने से घर में सुख-शांति बनी रहेगी और सकारात्मक ऊर्जा अधिक पैदा होगी।
स्वास्तिक
तुलसी के गमले में ‘स्वास्तिक’ चिन्ह बनाना से घर या मंदिर में वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है। इसी तरह तुलसी के गमले में स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में देवी तुलसी के साथ मां लक्ष्मी और विष्णु जी की असीम कृपा प्राप्ति होगी। इससे घर की कलह से निजात मिलेगी और धन धान्य की बढ़ोतरी होगी।
श्री
श्री चिन्ह मां लक्ष्मी का प्रतीकात्मक माना जाता है। श्री शब्द के तीन अर्थ होते है-शोभा, लक्ष्मी और कांति। इसलिए तुलसी के गमले में श्री शब्द लिखने मात्र से मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है और घर में खुशियां ही खुशियां आती है।
शंख
तुलसी के गमले में आप चाहे तो शंख का चिन्ह बना सकते हैं। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहने के साथ ऊपरी बाधा पास नहीं फटकती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु का प्रिय चिन्ह शंख है। ऐसे में मां लक्ष्मी के साथ श्री हरि की भी हमेशा कृपा बनी रहती है।
चक्र
चक्र का अर्थ शास्त्रों में दो प्रकार से बताया गया है, पहला वो चक्र जो भगवान श्री कृष्ण (श्री कृष्ण की मृत्यु का रहस्य) के पास था जिसे वह सुदर्शन कहते थे और चक्र का दूसरा अर्थ ये कि हमारे शरीर में मौजूद आत्मा से जुड़ी हुई इंद्रियां। चक्र को तुलसी के गमले पर अगर बनाया जाए तो इसके अर्थ की तरह इससे लाभ भी दोगुना ही मिलेगा। यानी कि चक्र के चिह्न से आपके संकट कटेंगे और चक्र के चिह्न का सकारात्मक प्रभाव आपके मन को शांत करेगा।